गुरुवार, 6 अगस्त 2015

वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, मिसेज के आगे मदर रद्द हो गई ! ♻बड़ी मेहनत से जिसने पाला, आज वो मोहताज हो गई ! ♻और कल की छोकरी, तेरे सर का ताज हो गई ! ♻बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द हो गई ! 🔆वाह रे जमाने तेरी हद ......... ♻पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो रही है ! ♻बीवी के लिए लिम्का, मॉं पानी को रो रही है ! ♻सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते देते सो गई ! 🔆वाह रे जमाने तेरी हद ......... ♻मॉं मांजती है बर्तन , वो सजती संवरती है ! ♻अभी निपटी ना बुढ़िया तू , इस लीये उस पर बरसती है ! ♻अरे दुनिया को आई मौत, मौत तेरी कहॉ गुम हो गई ! 🔆वाह रे जमाने तेरी हद .......... ♻अरे जिसकी कोख में पला, अब उसकी छाया बुरी लगती है, ♻बैठे होण्डा पे महबूबा, कन्धे पर हाथ जो रखती, ♻वो यादें अतीत की, वो मोहब्बतें मॉ की, सब रद्द हो गई ! 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद ........... ♻बेबस हुई मॉ अब, दिए टुकड़ो पर पलती है, ♻अतीत को याद कर, तेरा प्यार पाने को मचलती है ! ♻अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत हो गई ! 🔆 वाह रे जमाने तेरी हद .......

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